ऐसा कहा जाता है की यदि एक निश्चित समय और कालग्रह का योग बनने पर इन मंत्रो का उपयोग किया जावे तो कोई भी व्यक्ति चिरंजीवी हो सकता है | इतिहास में ऐसी बहुत सी रानियां थी | जिन्होंने इस मंत्र का उपयोग किया और चिर यौवन को प्राप्त हुई | लेकिन इस मंत्र से वही व्यक्ति यौवन को प्राप्त होता है जो निश्चित काल ग्रह के समय ही जन्मा हो | आईये इस मंत्र को जाने, हो सकता है की आप भी अपनी खोई हुई जवानी को प्राप्त कर ले |
लेकिन इतिहास में अभी तक कुछ रानियों ने ही इसका प्रयोग किया था | जिसके बाद वे पुनः जवान हो गयी थी | इसलिए यह भी संभव है की किसी पुरुष को इस मंत्र का लाभ ना मिले | लेकिन स्त्रियों को शतप्रतिशत इसका लाभ मिलेगा | शास्त्रों में दो मंत्र बताये गये है | लेकिन हम आपको सिर्फ एक ही मंत्र बता रहे है | क्योंकि यह उच्चारण में सरल और सुरक्षा की दृष्टि से भी आसान है |
"ॐ एँ सोन्दर्यं सिद्धि एँ ॐ" इस मंत्र का प्रयोग प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त पर ही करना चाहिए | क्योंकि इस समय यह मंत्र अधिक प्रभावी रहेगा | इस मंत्र का उपयोग करते समय अपना मुख उत्तर दिशा में रखना चाहिए | क्योंकि ऐसा कहा जाता है इस ओर भगवान आशुतोष विराजमान रहते है | जिससे आपकी मनोकामना शीघ्र ही पूर्ण होगी | जिससे आपको अधिक इन्तजार नहीं करना पड़ेगा और आपके चेहरे पर काफी निखार आ जायेगा |
सावधानियाँ
1. इस मंत्र का उपयोग गुरूवार से प्रारम्भ करते हुये, 9 दिनों तक करें |
2. इस मंत्र को करते समय आपके सामने से कोई भी व्यक्ति नहीं गुजरना चाहिए |
3. इस मंत्र का उपयोग माला के साथ करें |
4. अपने कार्य को गुप्त रखते हुये यह कर्म करें |
5. इन दिनों में क्रोध का विकार अपने मन में ना लाये |
6. इन दिनों मांस-मदिरे का सेवन नहीं करना चाहिए |
7. मंत्र का अनुकूल प्रभाव स्वयं पर हो, इसलिए किसी महाज्ञानी ब्राह्मण की सहायता अवश्य लेनी चाहिए |
8. किसी आवेश में आकर इस मंत्र का प्रयोग ना करें |
9. किसी भी कीमत पर रात्रि में इस मंत्र का जाप ना करें |